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बनs साहसी / इंदिरा भारती

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कुछ बने के होए तs बनव् साहसी
निर्भय होक बढ़s साहसी.

केतनो हए पथ दुर्गम, दुस्कर
कखनिओ न पेची हटs साहसी.

अगर कहीं अन्याय लउके तs
आगे बढ़ के लरs साहसी.

जीवन हए सिखर के छुएला
नभ चूएला उठs साहसी.

काम करs कुछ अइसन
सब के ईयाद में बसs साहसी.