Last modified on 26 फ़रवरी 2024, at 10:23

बरगदों से जियादा घना कौन है / 'सज्जन' धर्मेन्द्र

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:23, 26 फ़रवरी 2024 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बरगदों से ज़ियादा घना कौन है।
किंतु इनके तले उग सका कौन है।

मीन का तड़फड़ाना सभी देखते,
झील का काँपना देखता कौन है।

घर के बदले मिले ख़ूबसूरत मकाँ,
छोड़ता फिर जहाँ में भला कौन है।

सामने हो अगर प्रश्न तुम सा हसीं,
तो जहाँ में नहीं कर सका कौन है।

ले के हाथों में पत्थर वो पूछा किए,
सामने आइये आइना कौन है।