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बर्तोल ब्रेख्त / परिचय

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बावेरिया, जर्मनी में जन्मे बैर्तोल्त ब्रेष्त (10 फ़रवरी 1898-14 अगस्त 1956)बीसवीं सदी के उन साहित्यकारों में हैं जिन्होंने पूरी दुनिया पर अपना असर छोड़ा है। वे नाटककार, कवि और नाट्य-निर्देशक थे। पूर्वी और हिन्दुस्तानी परम्पराओं से प्रेरणा ले कर उन्होंने समूचे नाट्य-कर्म को अपनी नयी शैली से प्रभावित किया। बीस-बाईस साल की उमर से वे एक प्रतिबद्ध मार्क्सवादी बन गए और फिर जीवन भर मार्क्सवादी रहे। उन्होंने दो-दो महायुद्धों की विभीषिका नज़दीक से देखी थी और हिट्लर और उसकी नात्सी पार्टी की हिट-लिस्ट में रहे, जिसकी वज़ह से उन्हें दस साल से ज़्यादा की जलावतनी से गुज़रना पड़ा। बैर्तोल्त ब्रेष्त कहते थे कि वे कविताएँ प्रकाशित करने के लिए नहीं, बल्कि अपने नाटकों को और बेहतर बनाने के लिए लिखते थे । लेकिन उनका काव्य-भण्डार जिसमें 500 से ज़्यादा कविताएँ हैं ख़ुद एक अहमियत रखता है। इसके अलावा उन्होंने उपन्यास और कुछ कहानियाँ भी लिखी हैं और नाट्य प्रस्तुतियों पर वैचारिक लेख भी।