सूरज ने अंगड़ाई ली
पहली किरण ने
अधखुली घुटी-घुटी
आँखों से
काँच बगीचे का नरीक्षण किया......
चकाचौंध से चुंधिया कर
उनींदी -उनींदी सी वह
फिर सूरज में सिमट गई
दिन भर दुबकी रही.......
एक म्यान में दो तलवारें कैसे रहतीं ?
सूरज ने अंगड़ाई ली
पहली किरण ने
अधखुली घुटी-घुटी
आँखों से
काँच बगीचे का नरीक्षण किया......
चकाचौंध से चुंधिया कर
उनींदी -उनींदी सी वह
फिर सूरज में सिमट गई
दिन भर दुबकी रही.......
एक म्यान में दो तलवारें कैसे रहतीं ?