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अन्तस रै आभै में उमड़ै
बादळ नैणा नीर।
गूंगै गेले गंजलां रो
मेट देवो झोड़
भूंडा लागै छान-झूंपा
आछो लागै खोड़
आपै ही मरै तो-
कीनै देवो ला दवा।
बेगो चालो, जीमो बेटा, चीकणा कवा।
 
मानखै नै मार मीठी रसोई बणाई है
फूट रोड़ै फूलां थारी सेज सजाई है
जीमो-जीमो बेटा माया सामै पगां आई है
रोता रेसी लोग थांरै बाप री कमाई है
काळजै में लागी
थारी लाय बुझा
बेगा चालो, जीमो बेटा, चीकणा कवा
</poem>
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