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"बसंत ऋतु / बेढब बनारसी" के अवतरणों में अंतर

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और आधी रात तक तो  
 
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जागती है सास आली; आ गया मधुमास आली  
 
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जब कहा - मुझको दिखा दो  
 
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एक दिन सिनेमा भला तो;
 
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बोल उठे संध्या समय  
 
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लगता हमारा क्लास आली; आ गया मधुमास आली
 
लगता हमारा क्लास आली; आ गया मधुमास आली
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ढ़ाक और कचनार फूले  
 
ढ़ाक और कचनार फूले  
 
आम के भी बौर झूले  
 
आम के भी बौर झूले  
 
रट रहे हैं किन्तु वह  
 
रट रहे हैं किन्तु वह  
 
तद्धित-कृदंत-समास आली; आ गया मधुमास आली
 
तद्धित-कृदंत-समास आली; आ गया मधुमास आली
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'सेंट' माँगा; सोप माँगा,
 
'सेंट' माँगा; सोप माँगा,
 
ह्रदय को कुछ होप माँगा  
 
ह्रदय को कुछ होप माँगा  

23:52, 12 मई 2010 का अवतरण


आगया मधुमास आली
दिवसभर वह पाठ पढ़ते
नित्य प्रातः हैं टहलते
और आधी रात तक तो
जागती है सास आली; आ गया मधुमास आली

जब कहा - मुझको दिखा दो
एक दिन सिनेमा भला तो;
बोल उठे संध्या समय
लगता हमारा क्लास आली; आ गया मधुमास आली

ढ़ाक और कचनार फूले
आम के भी बौर झूले
रट रहे हैं किन्तु वह
तद्धित-कृदंत-समास आली; आ गया मधुमास आली

'सेंट' माँगा; सोप माँगा,
ह्रदय को कुछ होप माँगा
हम यही कहते रहे --
हो जानी जब हम पास आली; आ गया मधुमास आली