Last modified on 14 जून 2016, at 01:54

बस यही अपना ... / कात्यायनी

एक परदा रोशनी का
एक चादर उदासी की
एक गठरी भूल - चूकों की
एक दरवाज़ा स्‍मरण का
एक आमन्त्रण समय का
एक अनुभव निकटता का
बस यही निज का रहा.
शेष सब साझा हुआ
सफ़र में जो साथ,
उन सबका हुआ।