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"बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे / गोपाल सिंह नेपाली" के अवतरणों में अंतर

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बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
 
बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम-तुम मिलेंगे
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सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे
  
छिटकेगी चाँदनी, सजेगा साज, प्यार का बजेगी पैंजनी
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सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,  
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सजेगा साज, प्यार का बजेगी पैंजनी
 
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
 
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
 
सितारों को मालूम था...
 
सितारों को मालूम था...
  
मिला के नैन हम-तुम दो हो गए
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मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम पलकें उठाते ही खो गए
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अजी हम पलकें तुम पे उठाते ही खो गए
नैन चुराएँगे, जिया निछावर करेंगे
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नैन झुकाएँगे, जिया निछावर करेंगे
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सितारों को मालूम था...
  
 
कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
 
कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे
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बहारों के जाने से कहीं छोड़ न देना
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बिछड़ने से पहले, हम अपनी जान दे देंगे
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सितारों को मालूम था...
  
 
(1955) फ़िल्म 'नवरात्रि'
 
(1955) फ़िल्म 'नवरात्रि'
 
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11:56, 17 अप्रैल 2022 के समय का अवतरण

बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज, प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था...

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम पलकें तुम पे उठाते ही खो गए
नैन झुकाएँगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था...

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने से कहीं छोड़ न देना
बिछड़ने से पहले, हम अपनी जान दे देंगे
सितारों को मालूम था...

(1955) फ़िल्म 'नवरात्रि'