Last modified on 17 जुलाई 2014, at 16:19

बांदी भेजूं हो साहब / हरियाणवी

बांदी भेजूं हो साहब! घर आ ताता सा पाणी सीला हो रहा
तुम न्हाओ रै गौरी म्हारी कंवर नहवा हमतै पड़ौसिन के घर न्हां ल्यां
बांदी भेजूं हो साहबा! घर आ तपी रसोई सीली हो रही
तुम जीमो रे गौरी म्हारी मात जिमा हमतै पड़ौसिन के घर जीम ख्यां