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बाई / अजय कुमार सोनी

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म्हारै जनम सूं
पैली ई
म्हारी बाई
कांई ठाह
गई कठै !

जे आज
होंवती बाई
तो म्है
करता धूमस
बाई साथै
खेलता-कूदता
भाजता
कदै ई रूस जांवता
बाई ई मानता
बाई साथै
जे होंवती
आज थूं
तो करता ब्याह
अर
म्है रोंवता
थारैं व्हीर होंवती बगत
पण
हूणी नै
कुण टाळै बाई
आज
थारी ओळयूं में
आंख्यां सूं बगै
आंसुडा रा व्हाळा
एकर-एकर थूं
भगवान कनै सूं
आज्या पाछी
बतळावां
भाई-बैन
मिल'र करां धूमस।