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"बाघ आया उस रात / नागार्जुन" के अवतरणों में अंतर

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"वो इधर से निकला
 
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उधर चला गया"
 
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वो आँखें फैलाकर
 
वो आँखें फैलाकर
 
 
बतला रहा था-
 
बतला रहा था-
 
 
"हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
 
"हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
 
 
आप रात को बाहर न निकलों!
 
आप रात को बाहर न निकलों!
 
 
जाने कब बाघ फिर से बाहर निकल जाए!"
 
जाने कब बाघ फिर से बाहर निकल जाए!"
 
 
"हाँ वो ही, वो ही जो
 
"हाँ वो ही, वो ही जो
 
 
उस झरने के पास रहता है
 
उस झरने के पास रहता है
 
 
वहाँ अपन दिन के वक्‍त
 
वहाँ अपन दिन के वक्‍त
 
 
गए थे न एक रोज़?
 
गए थे न एक रोज़?
 
 
बाघ उधर ही तो रहता है
 
बाघ उधर ही तो रहता है
 
 
बाबा, उसके दो बच्‍चे हैं
 
बाबा, उसके दो बच्‍चे हैं
 
 
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
 
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
 
 
बाघ या तो सोता है
 
बाघ या तो सोता है
 
 
या बच्‍चों से खेलता है ..."
 
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दूसरा बालक बोला-
 
दूसरा बालक बोला-
 
 
"बाघ कहीं काम नहीं करता
 
"बाघ कहीं काम नहीं करता
 
 
न किसी दफ़्तर में
 
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न कॉलेज में"
 
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छोटू बोला-
 
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"स्कूल में भी नही ..."
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पाँच-साला बेटू ने
 
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हमें फिर से आगाह किया
 
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"अब रात को बाहर होकर बाथरुम न जाना"
 
"अब रात को बाहर होकर बाथरुम न जाना"
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12:16, 25 अक्टूबर 2009 का अवतरण

"वो इधर से निकला
उधर चला गया"
वो आँखें फैलाकर
बतला रहा था-
"हाँ बाबा, बाघ आया उस रात,
आप रात को बाहर न निकलों!
जाने कब बाघ फिर से बाहर निकल जाए!"
"हाँ वो ही, वो ही जो
उस झरने के पास रहता है
वहाँ अपन दिन के वक्‍त
गए थे न एक रोज़?
बाघ उधर ही तो रहता है
बाबा, उसके दो बच्‍चे हैं
बाघिन सारा दिन पहरा देती है
बाघ या तो सोता है
या बच्‍चों से खेलता है ..."

दूसरा बालक बोला-
"बाघ कहीं काम नहीं करता
न किसी दफ़्तर में
न कॉलेज में"
छोटू बोला-
"स्कूल में भी नही ..."

पाँच-साला बेटू ने
हमें फिर से आगाह किया
"अब रात को बाहर होकर बाथरुम न जाना"