Last modified on 3 नवम्बर 2009, at 00:10

बात-1 / शैलेय

लोग कहते हैं - रात गई
बात गई

लेकिन
मैं गाता हूँ
जैसा कि पाता हूँ
हमेशा ही
रात ढह जाती है
बात रह जाती है