बात कोई खास है
मींत आज उदास है।
भींच जरड़ी बैठग्यौ
काळजै उकळास है।
व्हैम बैरी काढ दै
हेत मांय उजास है।
पूर गाभा सांभ लै
मांणसां रौ वास है।
मूंन धार्यौ पारखी
बोलणै री आस है।
जीव औ जंजाळ है
मुगत तौ रैदास है।
बात कोई खास है
मींत आज उदास है।
भींच जरड़ी बैठग्यौ
काळजै उकळास है।
व्हैम बैरी काढ दै
हेत मांय उजास है।
पूर गाभा सांभ लै
मांणसां रौ वास है।
मूंन धार्यौ पारखी
बोलणै री आस है।
जीव औ जंजाळ है
मुगत तौ रैदास है।