आ
अकास रै
ऊंचै हिमाळै माथै
आगै-आगै
जा री है
‘सैंणी’ सुन्दरी
बरफ सी घुळती
अन्तस री आग सूं
लारै लारै
उणनैं ढूंढतो
जारियो है
‘बींजो’
बिजोग रा गीत
गांवतो
गळतो-पिघळतो
आ
अकास रै
ऊंचै हिमाळै माथै
आगै-आगै
जा री है
‘सैंणी’ सुन्दरी
बरफ सी घुळती
अन्तस री आग सूं
लारै लारै
उणनैं ढूंढतो
जारियो है
‘बींजो’
बिजोग रा गीत
गांवतो
गळतो-पिघळतो