बाबा मोर जइते धरमपुर हे, अनतै रंगा धान,
मैया मोरी कुटतै चिउड़वा हे, उठी भोर रे बिहान,
भरी लेवै सुपती मउनियाँ हे, खैवै हंसी-खेली,
हिलीमिली खेलवै अंगनवाँ हे, संग सखि रे सहेली,
भैया मोर जइतै मधेपुर हे, अनतै बीड़ा पान,
भौजी मोरी खइतै विहँसी केॅ हे, मुख चन्दा रे समान,
हम दुनू जइबै जमुनमां हे, लै गारी घैल,
निहुंकि झिहुंकि पनियाँ भरी हे, अइवै घुरी गैल,
भऊजी के चुनरी बड़ फाटल हे, हमरो छै मैल,
केकर दुअरिया जायब हे, विधि बड़ी दुख देल ।