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बारिश में एक पैर का जूता / अदनान कफ़ील दरवेश

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गुरुद्वारे के बाहर
एक कार के ठीक सामने
बारिश में एक पैर का जूता भीग रहा है
पानी पर मचलता हुआ
उत्सव मना रहा है

मैं
रिक्शे से गुज़रते हुए
उसे देख रहा हूँ

सब ने छतरियाँ ओढ़ ली हैं
या छज्जों की ओट में आ गए हैं
सब कुछ धीमा-सा पड़ गया है

बारिश का संगीत
जूते को मस्त किये हुए है
इन हाँफते हुए लोगों में मुझे
जूता ज़्यादा आकृष्ट कर रहा है

जूता
जिसे अपने पाँव के खो जाने का
शायद कोई दुःख नहीं है !

(रचनाकाल: 2016)