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बिताके दिन सफ़र में अपने घर की याद आती है / आकिब जावेद
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18:40, 28 अगस्त 2021
नज़र से दूर है मेरे कभी जो साथ चलता था।
अभी भी मुझकों अपनी उस डगर की याद आती है।
सुना है यार मुझसे कुछ ख़फ़ा-सा हो गया है यूं।
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