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बिन बताये हमें काम क्या कर दिया / अभिषेक कुमार अम्बर

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बिन बताये हमें काम क्या कर दिया
दिल लगाना खुदा अब सज़ा कर दिया।

जिंदगी भर करी थी वफ़ा पर वफ़ा
इस वफ़ा ने उसे बेवफ़ा कर दिया।

कुछ न आये नज़र अब तो तेरे सिवा
यूं निग़ाहों ने तेरी नशा कर दिया।

मंज़िलें भी न आई नज़र दूर तक
कैसी राहों में मुझको खड़ा कर दिया।

हम तो इंसान सीधे थे अच्छे भले
पूज कर उसने हमको खुदा कर दिया।