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बीज बोया है फसल काटेंगे / राजेश चड्ढा

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बीज बोया है फसल काटेंगे,
दर्द बोया है ग़ज़ल काटेंगे ।

आपकी उम्र बड़ी कीमती है,
ज़िन्दगी सूद सी हम काटेंगे ।

रोज़ा जब रोज़ की ज़रूरत हो,
ईद पर मिलकर भूख बाँटेंगे ।

आप उसूलों की बात करते हैं,
आप थूकेंगे आप चाटेंगे ।