Last modified on 27 जून 2017, at 22:42

बीज / हनुमान प्रसाद बिरकाळी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:42, 27 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनुमान प्रसाद बिरकाळी |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हांडी सूं निसर
गयो धरती री कूख
पाळया सुपना
फळीजण रा अलेखूं
हळवां-हळवां पांगरयो
काढया पानका
फूल काढ हांस्यो
खिड़ खिड़
खेत में
धोरी रै हेत में
लू रै नीं जंची
बाळ-सुका
रळा दियो रेत में।