Last modified on 2 जुलाई 2016, at 01:47

बीबी बेसम्हार / नंदकिशोर शर्मा

हे भुइआँ भवानी देवी देवता हजार, भेलै बीवी बेसम्हार।

बगल बेग छै फैसन बेसी, चेहरा पौडर सेन्ट विदेशी
कनपट्टी सिन्दूर ठोप भर, केश कटलका लटकै मुँह पर
ताबरतोर लिपस्टिक घसनै, सौंसे माँग उधार
भेलै बीवी बेसम्हार।

नखरा नब्बे सकल सुहावन, रूपा खातिर हम पति पावन
गहना साड़ी लहपट-जिरवा, बूटेदार ब्लॉज तनकिरवा
बात-बात पर बाताबाती चिकड़े गल्ला फाड़
भेलै बीवी बेसम्हार।

नश्ता खोजै साम्भर डोसा, चॉमिंग चटनी लाल समोसा
दहीबड़ा औ पापड़ ताजा, कुरकुर्रे संग बड़का माजा
कामाकाज में ढिल्लम ढिल्ली जरैइया बोखार
भेलै बीवी बेसम्हार।

हम सायकिल के पंम्चर चक्का, ऊ टाटा टेलर हो कक्का
चरमरचू ढनमनियां घर के, बब्बर भेल छै कनियां घर के
चार सौ चालीस भोल्ट में छिटकै, बोलै खबरदार
भेलै बीवी बेसम्हार।

पढ़ला पर हम छी बैरिस्टर, ऊ बिन पढ़लै होम मिनिस्टर
घर के ऊ दुर्गा अवतारी, महिखासुर समझै बेचारी
दाँत कीच कै दौड़ै जैसे करतै नरसंहार
भेलै बीवी बेसम्हार।

नित खटपट नित रूसा वौसी, भुखलै सुतलौं होय एकौसी
जे कहलक सब ठीके कहलौं, हम नै आब कहीं के रहलौं
घर-घरनी तरलौं बैतरनी, धूनै छी कपार
भेलै बीवी बेसम्हार।