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बीहा करलर्के बेटी के मंगनी / सुरेन्द्र प्रसाद यादव

बीहा करलर्के बेटी के मंगनी
हुलसी-हुलसी ना
हाय राम माय-बाबू मिली केॅना
हाय राम चौंको-चुमौनोॅ
कुछुबे नै उघलै
तिलक सें बचलै ना
सरो-सवासिन उघारिये रैल्है
भोजोॅ सें गेलै ना
हाय राम परो-परसादी सें

माय-बू बचलैं
हुलसी बिहाबै ना
सभ्भे भुंहोॅ सें बातोॅ सुनै छै
धूर-छी सुनै छै ना
हाय राम बेटी-दमादोॅ के
बीद-बाद करलकै
घरे में चोरके ना
लाबा भुजोनी सें लघरोॅ के बीदो
घरे करलकै ना
हाय राम अजगुत भेलै ना
हाय राम अजगुत भेलै ना
हायराम मड़क गीतारिन ऐक्के भेलै
खवैयो देवैयो भी ना
आय लोगें दूसेॅ कल तेॅ सब्भैं
हेनै केॅ करतै ना
करै लेॅ लागतै ना
हाय राम बिना पंडिते बीहा होतै
हेनै केॅ होतै ना