Last modified on 9 दिसम्बर 2012, at 21:50

बुराई / ईमान मर्सल

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ईमान मर्सल  » बुराई

मैं सोचती थी कि दुनिया में बहुत सारी बुराइयां हैं
जबकि मैं अपने दोस्तों के बीच सबसे ज़्यादा उदार हूं
मैं जब भी किसी फूल को गुलदान में सजा देखती
उसकी पंखुड़ी को अपने अंगूठे और तर्जनी में फंसा मसले बिना रह नहीं पाती
ताकि जान सकूं कि यह प्लास्टिक का फूल नहीं है

धीरे-धीरे मुझे बुराइयों के अस्तित्व पर ही संदेह होने लगा है
ऐसा लगता है, सारा नुक़सान हो चुका होगा जब तक कि हमें यह अहसास होगा
जिन जीवों को हमने ख़ूनमख़ून कर दिया, वे असली थे।

अंग्रेजी से अनुवाद : गीत चतुर्वेदी