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बुरा आदमी / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़
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मैं हूँ बुरा, बुरा आदमी
क्योंकि हर कोई मुझे कहता यही।
मैं हूँ बुरा, बुरा आदमी
हर कोई मुझे कहता यही।
अपनी क्षुद्रता, अपनी शराब ले जाता
जहाँ भी मैं जाता।
मैं पीटता अपनी पत्नी को
मैं पीटता अपनी रखैल को भी।
पीटता अपनी पत्नी को
पीटता अपनी रखैल को भी।
पता नहीं क्यों करता मैं ऐसा
किन्तु यह रखता दूर मुझे दुख से।
मैं हूँ इतना बुरा कि मैं
होना ही नहीं चाहता अच्छा।
बुरा, मैं इतना बुरा
कि होना ही नहीं चाहता अच्छा।
मैं जा रहा हूँ शैतान के पास
यदि जा भी सकूँ तो नहीं जाऊँगा स्वर्ग।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’