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बूझो तो जानें / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'

रोज सवेरे आता हूँ
सबको मैं जगाता हूँ
उजाला सभी को देता हूँ
जल्दी बताओ मैं कौन हूँ?

ज्ञान बढ़ाता हूँ मैं
नाम दिलाता हूँ मैं
बस्ते में रहता हूँ मैं
बोलो बोलो कौन हूँ मैं?

चाहे छोटे हो या बड़े
हाथ में लेकर बल्ला गेंद
खेले सारे यही खेल
बताओ है यह कौन-सा खेल?

थकना मेरा काम नहीं
रुकना मेरा काम नहीं
समय बताती जाऊँ मैं
झटपट बोलो कौन हूँ मैं?

लाल-लाल पर खून नहीं
गोल गोल पर गेंद नहीं
आता हूँ खाने के काम
बूझो बच्चा मेरा नाम?