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बूढ़े लोग ख़ुद को पानी में देख ख़ुश होते हैं / सरिता शर्मा / विलियम बटलर येट्स

Kavita Kosh से
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मैंने बूढ़े-बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है
"सब कुछ बदल जाता है,
और एक-एक करके हम मरते जाते हैं।"
उनके हाथ पँजों जैसे थे, और उनके घुटने
पुराने झाड़ों की तरह मुड़े हुए थे
पानी के किनारे ।
मैंने बूढ़े, बहुत बूढ़े लोगों को यह कहते हुए सुना है
"जो भी सुन्दर है वह बह जाता है
पानी के तरह ।"

मूल अँग्रेज़ी से सरिता शर्मा द्वारा अनूदित

लीजिए अब पढ़िए यही कविता मूल अँग्रेज़ी में
         William Butler Yeats
The Old Men Admiring Themselves In The Water

I HEARD the old, old men say,
'Everything alters,
And one by one we drop away.'
They had hands like claws, and their knees
Were twisted like the old thorn-trees
By the waters.
I heard the old, old men say,
'All that's beautiful drifts away
Like the waters.'