Last modified on 17 नवम्बर 2019, at 22:32

बू / जोशना बनर्जी आडवानी

मैने एक जगह रूक के डेरा डाला
मैने चाँद सितारो को देखा
मैने जगह बदल दी
मैने दिशाओ को जाना
मै अब खानाबदोश हूँ
मै नखलिस्तानो के ठिकाने जानती हूँ
मै अब प्यासी नही रहती
मैने सीखा कि एक चलती हुई चीटी एक उँघते हुये
बैल से जीत सकती है
मुझे बंद दीवारो से बू आती है

मै सोई
मैने सपना देखा कि जीवन एक सुगंधित घाटी है
मै जगी
मैने पाया जीवन काँटो की खेती है
मैने कर्म किया और पाया कि उन्ही काँटो ने
मेरा गंदा खून निकाल दिया
मैने स्वस्थ रहने का रहस्य जाना
मुझे आरामदायक सपनो से बू आती है

मै दुखी हुई
लोगो ने सांत्वना दी और बाद मे हँसे
मै रोई
लोगो ने सौ बाते बनाई
मैने कविता लिखी
लोगो ने तारीफे की
मेरे दुख और आँसू छिप गये
मै जान गई कि लोगो को दुखो के कलात्मक
ढाँचे आकर्षित करते है
मुझे आँसुओ से बू आती है

मैने बातूनियो के साथ समय बिताया
मैने शांत रहना सीखा
मैने कायरो के साथ यात्रा की
मैने जाना कि किन चीज़ो से नही डरना
मैने संगीत सुना
मैने अपने आस पास के अंनत को भर लिया
मै एकाकीपन मे अब झूम सकती हूँ
मुझे खुद के ही भ्रम से बू आती है

मैने अपने बच्चो को सर्कस दिखाया
मुझे जानवर बेहद बेबस लगे
मैने बच्चो से बाते की
उनकी महत्वकांक्षाओ की लपट ऊँची थी
मैने उन्हे अजायबगर और पुस्तकालय मे छोड़ दिया
अब वे मुझे अचम्भित करते है
मैने जाना कि बच्चो के साथ पहला कदम ही
आधी यात्रा है
मुझे प्रतिस्पर्धाओ से बू आती है

मुझे दोस्तो ने शराब पिलाई
मैने नक्सली भावो से खुद को भर लिया
मैने जलसे देखे
मैने अपना अनमोल समय व्यर्थ किया
मै खुद ही मंच पर चढ़ गई
मेरे दोस्त मुझपर गर्व करते है
मैने जाना कि सम्राट सदैव पुरूष नही होते
मुझे खुद के आदतो से बू आती है

मुझे कठिनाईयाँ मिली
मैने मुँह फेर लिया
मैने आलस बन आसान डगर चुनी
मुझे सुकून ना मिला
मैने कठिनाईयो पर शासन किया
मेरी मेहनत अजरता को प्राप्त हुई
मैने देखा कठिनाई अब भूत बन मेरे
पीछे नही भागती
मुझे बैठे हुये लोगो से बू आती है

मैने प्रेम किया
मैने दारूण दुख भोगा
मैने अपने प्रेमी को दूसरी औरतो से अतरंगी
बाते करते देखा
मै जलती रही रात भर
मैने प्रेम को विसर्जित कर दिया
प्रेम ईश्वर के कारखाने का एक मुद्रणदोष है
प्रेम कुष्ठ रोग और तपैदिक से भी भयंकर
एक दिमागी बीमारी है
मुझे उस पल से बू आती है
जब मैने प्रेम किया