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"भगवती वंदना / मनोज झा" के अवतरणों में अंतर

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जग जननी माँ भाव की भूखी
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जग जननी माँ, भाव की भूखी
मेरे भाव का पान करो।
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मेरे भाव का पान करो ।
दर्शन दो संताप हरो माँ
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दर्शन दो सन्ताप हरो, माँ !
अटल भक्ति का दान करो।
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अटल भक्ति का दान करो ।
 
जग जननी माँ...॥
 
जग जननी माँ...॥
भोग वस्तु मैं दे नहीं पाता,  
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कारण की पहचान करो।
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भोग-वस्तु मैं दे नहीं पाता,  
बड़े भक्त जय-यश पाते हैं-
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कारण की पहचान करो ।
मुझ छोटे का भी ध्यान धरो॥
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बड़े भक्त जय-यश पाते हैं
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मुझ छोटे का भी ध्यान धरो ॥
 
जग जननी माँ ...॥
 
जग जननी माँ ...॥
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कितनी बार मैं माँ कहता हूँ
 
कितनी बार मैं माँ कहता हूँ
बेटा तू एक बार कहो,  
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बेटा तुम एक बार कहो,  
जीवन सुफल बना दे हे मैया!  
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जीवन सफल बना दे, हे मैया !  
स्वर मेरा स्वीकार करो॥
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स्वर मेरा स्वीकार करो ॥
 
जग जननी माँ ...॥
 
जग जननी माँ ...॥
 
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17:41, 23 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

जग जननी माँ, भाव की भूखी
मेरे भाव का पान करो ।
दर्शन दो सन्ताप हरो, माँ !
अटल भक्ति का दान करो ।
जग जननी माँ...॥

भोग-वस्तु मैं दे नहीं पाता,
कारण की पहचान करो ।
बड़े भक्त जय-यश पाते हैं —
मुझ छोटे का भी ध्यान धरो ॥
जग जननी माँ ...॥

कितनी बार मैं माँ कहता हूँ
बेटा तुम एक बार कहो,
जीवन सफल बना दे, हे मैया !
स्वर मेरा स्वीकार करो ॥
जग जननी माँ ...॥