घासक ऊपर तुहिन-बिन्दु माथ उठोने ठाढ़ अछि।
मानू माटि कानि रहल हो,
अथवा भार- वहनक क्लेद श्रम-सीकरवत् व्यक्त भेल हो।
सूर्य उगल,
तुहिन सुखा गेल,
परंच लागलहि रहल मनुष्यक पैर मे।
घासक ऊपर तुहिन-बिन्दु माथ उठोने ठाढ़ अछि।
मानू माटि कानि रहल हो,
अथवा भार- वहनक क्लेद श्रम-सीकरवत् व्यक्त भेल हो।
सूर्य उगल,
तुहिन सुखा गेल,
परंच लागलहि रहल मनुष्यक पैर मे।