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भजन 1 / विजेन्द्र सिंह 'फौजी'

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कृष्ण काले बणो रुखाले
ओ मेरे घनश्याम, हो मुरली आले-2

गंऊ माता भी होरी बिरान, क्यूँ ना देरे प्रभु ध्यान
गंऊ बिचारी जां सैं मारी-2
हों सैं कत्लेआम, हो मुरली आले

भरी सभा म्हं करैं थे नंगी, चीर बढ़ाया होण दी ना तंगी
भगता के प्यारे नन्द के दुलारे-2
जाणै जगत तमाम, हो मुरली आले

धर्म की जब-जब होई हाणी, अवतार धारकै रच दी कहाणी
धर्म बचाया रच कै माया-2
सारे सिद्ध करे काम, हो मुरली आले

विजेन्द्र सिंह तेरे दास चरण का, शौक घणा सै छंद घड़ण का
भजन बणाले सभा म्हं गा ले-2
दे दो इसा वरदान, हो मुरली आले
तर्ज-प्रेम समन्दर मन के अन्दर