भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(भारतेन्दु 'रसा' की ग़ज़लें)
पंक्ति 157: पंक्ति 157:
 
* [[बाल बिखेरे आज परी तुर्बत पर मेरे आएगी / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
 
* [[बाल बिखेरे आज परी तुर्बत पर मेरे आएगी / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
 
* [[बुत-ए-काफ़िर जो तू मुझ से ख़फ़ा है / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
 
* [[बुत-ए-काफ़िर जो तू मुझ से ख़फ़ा है / भारतेंदु हरिश्चंद्र]]
* दस्त-पैमाई का गर कस्द मुकर्रर होगा / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
* नींद आती ही नहीं धड़के की बस आवाज़ से / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
 
* चाह जिसकी थी वही यूसुफ़े सानी निकला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
* चाह जिसकी थी वही यूसुफ़े सानी निकला / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
* बख्त ने फिर मुझे इस साल दिखाई होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र
 
* बख्त ने फिर मुझे इस साल दिखाई होली / भारतेंदु हरिश्चंद्र

23:40, 27 अप्रैल 2017 का अवतरण

भारतेंदु हरिश्चंद्र
www.kavitakosh.org/bhartendu
Bhartendu.jpg
जन्म 09 सितम्बर 1850
निधन 06 जनवरी 1885
उपनाम ग़ज़लें कहते हुए ’रसा’ उपनाम लिखते थे
जन्म स्थान काशी, उत्तर प्रदेश, भारत
कुछ प्रमुख कृतियाँ
भक्तसर्वस्व (1870), प्रेममालिका (1871), प्रेम-माधुरी (1875), प्रेम-तरंग (1877), उत्तरार्द्ध-भक्तमाल (1876-77), प्रेम-प्रलाप (1877), गीत-गोविंदानंद (1877-78), होली (1879), मधु-मुकुल (1881), राग-संग्रह (1880), वर्षा-विनोद (1880), फूलों का गुच्छा (1882), प्रेम-फुलवारी (1883), कृष्ण-चरित्र (1883)
विविध
हिन्दी साहित्य के पितामह
जीवन परिचय
भारतेंदु हरिश्चंद्र / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/bhartendu

संग्रह

भारतेन्दु की दुर्लभ रचना

प्रतिनिधि रचनाएँ

भारतेन्दु 'रसा' की ग़ज़लें