Last modified on 5 अगस्त 2009, at 16:59

भेड़िए की आंखें सुर्ख हैं / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

भेड़िए की आंखें सुर्ख हैं।

उसे तबतक घूरो

जब तक तुम्हारी आंखें

सुर्ख न हो जाएं।

और तुम कर भी क्या सकते हो

जब वह तुम्हारे सामने हो?