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भोरे-भोर / शिव प्रसाद लोहानी

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दुम्भी के छाती पर शीत के हीरा
ममता के भार से भरल हे मीरा;
कारीख पर लाले लाल पताका उड़इलक
नभ के मांग मे सेन्दूर लगइलक ।