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भोर की कटोरी / मनोज श्रीवास्तव

भोर की कटोरी
 
दूब-सरिस दांत लिए
मुख खोले मलय भरी
किरण-तार झन-झन से
छलक रही
गमक रही
भोर की कटोरी.