भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भ्रष्टाचार तो एक बहाना है उर्फ़ मनु कोड ऑफ़ बिल / पंकज चौधरी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:05, 10 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पंकज चौधरी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKav...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तुमने उसकी बराबरी की
बराबरी की सज़ा तुझे मिली

तुम झुके नहीं
नहीं झुकने की सज़ा तुझे मिली

तुम गिर-गिर कर उठते रहे
गिर-गिर कर उठने की सज़ा तुझे मिली

तुम्हारी उपस्थिति ही चुनौती बनती है
चुनौती बनने की सज़ा तुझे मिली

तुम फर्श से अर्श पर पहुंच रहे थे
फर्श से अर्श की ओर जाने की सज़ा तुझे मिली

भ्रष्टाचार तो एक बहाना है

कोई छोटा चोर कोई बड़ा चोर
सब चोर-चोर

मनु ने कहा है-
शूद्र के पास यदि धन हो जाए
तो उस धन को जब्त कर लेना चाहिए
और उसके लिए सबसे बड़ी सज़ा मुकर्रर होनी चाहिए

यही तुम्हारी नियति है!