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'''मंदिर में लड़की'''{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= मनोज श्रीवास्तव |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>
ख़ास है, बहुत ख़ास है
मंदिर में लड़की का होना
जवांदिल भक्तों को खींच लाना
और उन्हें उकसाना
कि वे अपनी मनोकामनाएं मनोकामनाएँ
दान-पुण्य कर पूरी करें
लड़की का बार-बार आना
और गरमागरम चर्चा का केंद्र बनना
फिल्मी फ़िल्मी तारिकाओं से
अपनी तुलना कराना
स्मार्ट हाव-भाव में
मनसायन बनाए रखना
और भक्त तथा भगवान के बीच
तालमेल बैठाना.</poem>
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