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मई जून का महीना / जगदीश पीयूष

मई जून का महीना।
दूभर होइगा मोरा जीना॥

मुसऊ भागै औ बिलरिया मिरोरै मोरे राम।
नाचै खड़ी दुपहरिया लिलोरै मोरे राम॥

सूखे ताल व तलइया।
खेते मेड़े चरै गइया॥

सूखी छतिया क बछिया चिचोरै मोरे राम।
नाचै खड़ी दुपहरिया लिलोरै मोरे राम॥

आँधी पानी लागै आग।
मनई चारिव कइती भाग।

बेहन डावे बदे धनवा पछोरै मोरे राम।
नाचै खड़ी दुपहरिया लिलोरै मोरे राम॥

मड़ई मड़हा टूटी छान।
सब कइ छाइ रहे परधान॥

माठा दूध नाहीं गगरी बिलोरै मोरे राम।
नाचै खड़ी दुपहरिया लिलोरै मोरे राम॥