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मचलते हैं तेज धारे किस तरह / शिवशंकर मिश्र
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मचलते हैं तेज धारे किस तरह
टूटते जाते किनारे किस तरह
हदें दिल की डूबती जाएं सभी
हो रहे हम बेसहारे किस तरह