भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मछुआरे / ओरहान वेली

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हमारे मछुआरे
उन मछुआरों की तरह नहीं हैं
जो क़िताबों में होते हैं

वे समूहगान
नहीं गाते

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय