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मजूरी कई के . भोजपुरी

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मजूरी कइ के
हम मजूरी कइ के...
जी हजूरी कइ के...
अपने सइयाँ के... अपने बलमाँ के पढ़ाइब
हम मजूरी कइ के...
जी हजूरी कइ के...

रात-दिन खटिबे
काम सब करिबे
कुल-कानि लइ के
भला का करिबे
तन अंगूरी कइ के
मन सिन्दूरी कइ के
सिच्छा पूरी हम कराइब
अपने राजा के... अपने बाबू के... अपने राजा के पढ़ाइब

हम मजूरी कइ के...
जी हजूरी कइ के... हम मजूरी कइ के...