भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मथुरा मे जन्मे नद के कुमार... / बुन्देली

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:43, 27 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=बुन्देल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मथुरा में जन्मे नंद के कुमार...
खुल गई बेड़ी खुल गये किवाड़
जागत पहरुआ सो गयें द्वार। मथुरा...
गरजे ओ बरसे घटा घनघोर
ले के वासुदेव चले गोकुल के द्वार। मथुरा...
बाढ़ी वे जमुना आई चरणन लाग
छू के चरणाबिंद हो गई पार। मथुरा...
देवकी के मन में आनंद अपार
गोकुल में हो रहो मंगलचार। मथुरा...