भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मधुभूषण शर्मा 'मधुर'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
 
{{KKCatHimachal}}
 
{{KKCatHimachal}}
 
<sort order="asc" class="ul">
 
<sort order="asc" class="ul">
 +
[[बुना  हुआ  फ़रेब का  न कोई  जाल  फेंकिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
 +
[[पढ़ेगी जब तलक दुनिया लिखा दीवान ग़ालिब का / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
 
[[जिस ज़मीं से तू जुड़ा है बस उसी की बात कर / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
 
[[जिस ज़मीं से तू जुड़ा है बस उसी की बात कर / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
 
[[इक बार क्या मिले हैं किसी रोशनी से हम / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]
 
[[इक बार क्या मिले हैं किसी रोशनी से हम / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ]]

09:22, 4 जून 2010 का अवतरण

मधुभूषण शर्मा 'मधुर'
DSC02754.JPG
जन्म 01 अप्रैल 1952
निधन
उपनाम
जन्म स्थान पंजाब
कुछ प्रमुख कृतियाँ
विविध
जीवन परिचय
मधुभूषण शर्मा 'मधुर' / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/{{{shorturl}}}

<sort order="asc" class="ul"> बुना हुआ फ़रेब का न कोई जाल फेंकिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' पढ़ेगी जब तलक दुनिया लिखा दीवान ग़ालिब का / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' जिस ज़मीं से तू जुड़ा है बस उसी की बात कर / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' इक बार क्या मिले हैं किसी रोशनी से हम / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ख़ता है वफ़ा तो सज़ा दीजिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' सियासत की जो भी ज़बाँ जानता है / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' मेरे सनम के पास जो कहां वो ताज़गी मिले / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ज़ेहन में रहे इक अजब खलबली सी / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' वहशतों की है अगर कुछ कातिलों से दोस्ती / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' न बस में किसी के ये हालात होंगे / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' वही रोज़ मिलना वही चार बातें / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' आग-सी इक बुझाने लगा हूं / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' ख़ुदा इस शहर को ये क्या हो चला है / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' अगर आदमी ख़ुद से हारा न होता / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' जब से हम लोग ज़मीं पे हैं / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' पत्थरों में भी बनाता राह पानी देखिए / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' मुख़ातिब बस ग़मे-दिल हो तो ऐसा हो भी सकता है / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' बुझा दो चिराग़े-मुहब्बत मुझे इन फ़रेबी उजालों की क्या है ज़रूरत , / मधुभूषण शर्मा 'मधुर' </sort>