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मन बन्जारा / राजेश गोयल

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इतना प्यार नहीं करना तुम, मन बन्जारा गाता जाये।
गीत गाने दो मुझे तुम, मन बन्जारा गाता जाये॥
मुझको कब अहसास ऐसा,
मेरे स्वर तुम्हारे पास।
मेरी काया मेरे पास,
मेरी साँस तुम्हारे पास॥
मेरी हर धड़कन में तुम, मन बन्जारा गाता जाये।
इतना प्यार नहीं करना तुम, मन बन्जारा गाता जाये॥
तुम से जन्म जन्म का नाता,
तन छूटे मन छूट ना पाता।
चांद और तारों की बातें,
क्यांे में गाता और सुनाता॥
मेरे हर सपने में तुम, मन बन्जारा गाता जाये।
इतना प्यार नहीं करना तुम, मन बन्जारा गाता जाये॥
झूठे जग के गायन झूठे,
क्षणिक सुखों के बन्धन झूठे।
व्याकुल सा मेरा तन मन,
अधरों से मेरी अनबन॥
कब से मौन बने हो तुम, मन बन्जारा गाता जाये।
इतना प्यार नहीं करना तुम, मन बन्जारा गाता जाये॥