मन बांधै जद डोर भायला
चाल कांई जोर भायला
औ धन थारो जतन सूं राख
पग-पग ऊभा चोर भायला
मैलां नै लागै जग मैलो
बात ऊजळी टोर भायला
आवै गाजै बरसै कोनी
नित तरसावै लोर भायला
प्रीत पुसब री सौरम गमगी
मन में ऊग्या थोर भायला
मन बांधै जद डोर भायला
चाल कांई जोर भायला
औ धन थारो जतन सूं राख
पग-पग ऊभा चोर भायला
मैलां नै लागै जग मैलो
बात ऊजळी टोर भायला
आवै गाजै बरसै कोनी
नित तरसावै लोर भायला
प्रीत पुसब री सौरम गमगी
मन में ऊग्या थोर भायला