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"मन बैरागी / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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औरों जैसे होकर भी हम बा-इज़्ज़त हैं बस्ती में
जीवन जीना सहल न जानो बहुत बड़ी फनकारी है<br><br>
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कुछ लोगों का सीधापन है, कुछ अपनी अय्यारी है
  
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जब-जब मौसम झूमा हम ने कपड़े फाड़े शोर किया
कुछ लोगों का सीधापन है, कुछ अपनी अय्यारी है<br><br>
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हर मौसम शाइस्ता रहना कोरी दुनियादारी है
  
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ऐब नहीं है उसमें कोई, लाल परी न फूल गली
हर मौसम शाइस्ता रहना कोरी दुनियादारी है<br><br>
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यह मत पूछो, वह अच्छा है या अच्छी नादारी
  
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जो चेहरा देखा वह तोड़ा, नगर-नगर वीरान किए
यह मत पूछो, वह अच्छा है या अच्छी नादारी<br><br>
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17:54, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

मन बैरागी, तन अनुरागी, कदम-कदम दुशवारी है
जीवन जीना सहल न जानो बहुत बड़ी फनकारी है

औरों जैसे होकर भी हम बा-इज़्ज़त हैं बस्ती में
कुछ लोगों का सीधापन है, कुछ अपनी अय्यारी है

जब-जब मौसम झूमा हम ने कपड़े फाड़े शोर किया
हर मौसम शाइस्ता रहना कोरी दुनियादारी है

ऐब नहीं है उसमें कोई, लाल परी न फूल गली
यह मत पूछो, वह अच्छा है या अच्छी नादारी

जो चेहरा देखा वह तोड़ा, नगर-नगर वीरान किए
पहले औरों से नाखुश थे अब खुद से बेज़ारी है।