जब किसी मर्तबान को देखता हूँ
और सोचता हूँ उसके बारे में
तो मुझे पृथ्वी एक मर्तबान लगती है
घड़ी और आदमी भी एक मर्तबान लगता है
यहाँ तक कि मौसम भी
जब किसी मर्तबान को देखता हूँ
और सोचता हूँ उसके बारे में
तो मुझे पृथ्वी एक मर्तबान लगती है
घड़ी और आदमी भी एक मर्तबान लगता है
यहाँ तक कि मौसम भी