Last modified on 22 अप्रैल 2015, at 23:03

मलार / नरेश कुमार विकल

आब ने सोहनगर सिंगरहार लगैयै।
जहिया सँ देखलहुँ मलार अबैयै।

रूसलहुँ म्लान मुँह भऽ गेलै चान कें
पाथर सँ फोडू ने फोंका मखान कें
सिसकैत सेज सन श्रृंगार लगैयै।
जहिया सँ देखलहूँ मलार अबैयै।

वैसल बिहाड़ि मे के बंशी बजाबय
मदनक आगि सँ के मदन जगाबय
उस्सर में प्रीतक फुहार लगैयै।
जहिया स देखलहुँ मलार अबैयै।

कल्पित कपोल गोल संग सुधि आबय
पूरबा बसात किऐ आंचर उधियाबय
ताकू ने एम्हर पहाड़ खसैयै।
जहिया सँ देखलहुँ मलार अबैयै।

मुस्की सँ मोतीक पथार लगाय जकरा
एतबे पर मरबा सँ इन्कार छैक ककरा
अहाँ बिनु जिनगी अन्हार लगैयै।
जहिया सँ देखलहुँ मलार अबैयै।

उन्मत्त उपवन पर लागल किऐ पहरा
राखि लेत बन्द कोना गन्ध कें पिंजरा
रोत ने वसन्तक बहार मानैयै।
जहिया सँ देखलहुँ मलार अबैयै।