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मस्ज़िद में वो मिला है न मंदिर ही में मिला / अजय अज्ञात

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मस्ज़िद में वो मिला है न मंदिर ही में मिला
उसका वज़ूद क़़ल्ब के भीतर ही में मिला

ये आस्था की बात है इसके सिवा न कुछ
इक बुतपरस्त को तो वो पत्थर ही में मिला

ढूंडा मगर न मिल सका अर्श ओ ज़मीन पर
इक आबदार मोती समंदर ही में मिला

क़़दमों में बैठ माँ के ज़ियारत भी हो गई
मक्कामदीना मुझको इसी घर ही में मिला

मालूम था कि ख़ारा है फिर भी न जाने क्यूँ
बह कर नदी का पानी तो सागर ही में मिला