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मऽरोऽ मंगत मऽरोऽ मंगत काहे करय माय / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मऽरोऽ मंगत मऽरोऽ मंगत काहे करय माय
तोरो मंगत गयो रन जूझ रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
आँगना थाड़ी ओकी बहिन पूछय रे भाई
मऽरोऽ वीर केत्ताकऽ रे दूर रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।
मऽरोऽ बीरा, मऽरो बीरा, काहे करय बहिन
तोरोऽ बीरा गयो रन जूझ रामा
बिजोड़ो दे रे भाई।।