Last modified on 16 मार्च 2015, at 16:00

माघै केरी दुइजिया तौ / बघेली

बघेली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

माघै केरी दुइजिया तौ भौजी नहाइनि
भौजी नहाइनि हो
रामा परि गा कनैरि का फूल मनै मुसकानी
मनै मुसक्यानी है हो

माया गनैदस मास बहिनी दस आंगुरि
बहिनी दस आंगुरि हो
भइया भउजी के दिन निचकानि तौ भउजी लइ आवा
भउजी लेवाय लावा हो
सोवत रहिउं अंटरिया सपन एक देखेउं हो
सपन एक देखेउं हो
माया जिन प्रभु घोड़े असवार डड़िया चंदन केरी
डड़िया चन्दन केरी हो
बेटी तुहिनि मोर बेटी तुहिनि मोर सब कुछ हो
बेटी खाय लेती नरियर चिरौंजी
तौ डड़िया चन्दन केरी-डड़िया चंदन केरी हो
एक बन नाकि- दुई बन तिसरे ब्रिन्दाबन
तिसरे ब्रिन्दाबन हो
आवा पैठि परे हैं गज ओबरी तौ माया निहारै
तौ माया निहारै हो
मचियन बैठी है सासु तौ हरफ- दरफ करैं
हरफ दरफ करैं हो
बहुआ एक बेरी वेदन निवारा तौ लाला जनम होइहीं
तो लाला जनम होईहीं हो
आपन माया जो होती वेदन हरि लेती
वेदन हरि लेतियं हो
रामा प्रभु जी की माया निठमोहिल
तौ ललन ललन करै होरिल होरिल करैं
ललन ललन करैं होरिल होरिल करैं हो